Dear ज़िन्दगी !
किसी ने कहा ... नींद आ रही हैकल बात करते है न ...मानों सदियां गुज़र गई ...यादें आईं परवो कल अब तक न आई / /तो उससे कहना कि ...काश! तब ..."नींदों को परे रख ,आगोश में अपने मुझे रहने दो / /सवेरा कल का किसने देखा ,जो कहना है अभी कहने दो / / "दिले ख्वाईशें हर तेरीपूरी करता मैं ... पर कमबख़्ततू किसी और के दिल में वसती है / /माना ! तुम अमानतकिसी और कि हो ... मेरी जान ,मेरे ख्वावों ख्यालों में तोतुम अब भी रहती हो/ /इतनी तारीफ काफी है याशब्दों को थोड़ा और मरोरू ,तुम कहो तो थोड़ाझुठ और बोलूं / /... आतिश