Dear ज़िन्दगी !
किसी ने कहा ... नींद आ रही हैकल बात करते है न ...मानों सदियां गुज़र गई ...यादें आईं परवो कल अब तक न आई / /तो उससे कहना कि ...काश! तब ..."नींदों को परे रख ,आगोश में अपने मुझे रहने दो / /सवेरा कल का किसने देखा ,जो कहना है अभी कहने दो / / "दिले ख्वाईशें हर तेरीपूरी करता मैं ... पर कमबख़्ततू किसी और के दिल में वसती है / /माना ! तुम अमानतकिसी और कि हो ... मेरी जान ,मेरे ख्वावों ख्यालों में तोतुम अब भी रहती हो/ /इतनी तारीफ काफी है याशब्दों को थोड़ा और मरोरू ,तुम कहो तो थोड़ाझुठ और बोलूं / /... आतिश
मर्मस्पर्शी भावपूर्ण रचना।
जवाब देंहटाएंसादर।
-----
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० अक्टूबर२०२३ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएं