मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

है दरम्याँ क़शमकश ...


 



घर पहुंचा तो

दूरियों का एहसास मिट गया / /

उसने पुछा !

वज़हे - इत्मीनान क्या है -

मैंने कहा ... मैं हूँ तुम हो ,

है दरम्याँ क़शमकश ...

इत्मीनान कहाँ है / /


---आतिश


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