घर पहुंचा तो
दूरियों का एहसास मिट गया / /
उसने पुछा !
वज़हे - इत्मीनान क्या है -
मैंने कहा ... मैं हूँ तुम हो ,
है दरम्याँ क़शमकश ...
इत्मीनान कहाँ है / /
---आतिश
Dear ज़िन्दगी ! किसी ने कहा ... नींद आ रही है कल बात करते है न ... मानों सदियां गुज़र गई ... यादें आईं पर वो कल अब तक न आई / / तो...
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