रविवार, 31 जुलाई 2022

सब ठीक है ... कुछ सीरियस नहीं ।




                     सब ठीक है ...


इश्क़ कि गली में क्या गिरना 
क्या संभलना सब ठीक है ,
रेत पर घर बना नसीब का 
फिर क्या उखड़ना सब ठीक है ।

जो हरदम चहका करती थी
वो चिड़ियां क्यों चुप चुप
बैठी है , डाल तो अब भी हरा भरा है
फिर वो क्यों उजरी -उजरी सी है।
मैंने पुछा तबीयत उसकी ,
जटिल सी मुस्कान लिए होंठो पर 
वो बोली सब ठीक है । 

मैं समझ गया मेरा पत्ता कट गया ,
मेरी बन्दी को कोई और बन्दा जंच गया ।

मैंने संभाला जज़्बातो को  
समेट कर यादों कि पोटली में
और सिसकते दिल को 
कैह दिया सब ठीक है ।


                        @aatish
 
 


9 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. आदरणीय मैम ,
      पोस्ट पर आने के लिए ससम्मान धन्यवाद !

      हटाएं
  2. नमस्ते! मैम ,
    धन्यवाद एवं आभार !

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तर
    1. आदरणीय मैम,
      पोस्ट पर आने के लिए ससम्मान धन्यवाद !

      हटाएं

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