सब ठीक है ...
इश्क़ कि गली में क्या गिरनाक्या संभलना सब ठीक है ,रेत पर घर बना नसीब काफिर क्या उखड़ना सब ठीक है ।जो हरदम चहका करती थीवो चिड़ियां क्यों चुप चुपबैठी है , डाल तो अब भी हरा भरा हैफिर वो क्यों उजरी -उजरी सी है।मैंने पुछा तबीयत उसकी ,जटिल सी मुस्कान लिए होंठो परवो बोली सब ठीक है ।मैं समझ गया मेरा पत्ता कट गया ,मेरी बन्दी को कोई और बन्दा जंच गया ।मैंने संभाला जज़्बातो कोसमेट कर यादों कि पोटली मेंऔर सिसकते दिल कोकैह दिया सब ठीक है ।
@aatish
वाह।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ! बंधु !
हटाएंबहुत खूब All is well.
जवाब देंहटाएंआदरणीय मैम ,
हटाएंपोस्ट पर आने के लिए ससम्मान धन्यवाद !
नमस्ते! मैम ,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद एवं आभार !
सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद् मित्र !
हटाएंबहुत सुंदर लेखन👌👌
जवाब देंहटाएंआदरणीय मैम,
हटाएंपोस्ट पर आने के लिए ससम्मान धन्यवाद !