क्या हो तुम…।
हो परी या अँधेरें में जलता
कोई चराग हो तुम ।
वारिश कि बुंदों में लिपटी
वर्फ कि ठण्डी एहसास हो तुम ।
हो हकिक्त या बनती बिगड़ती
नाजों से पलकों पे पलती
कोई नन्हीं सी ख्वाव हो तुम ।
अभी बैठी हो पास मेरे और
इक पल में किरणों से भी तेज
दुर निकल जाती हो तुम ।
क्या हो तुम ।
--- आतिश
प्रेम में पगे बहुत ही सुंदर एहसास।
जवाब देंहटाएंसादर