गुरुवार, 1 जुलाई 2021

एक तेरे आने से ...


 

एक तेरे आने से...

                                                                     

मिजाज बदला है मौसम ने इक तेरे आने से

हया के कई पर्दें खोले कलियों ने इक तेरे आने से...।

 

चरागें दिल जलते है इस उम्‍मीद में  

दिखेगी फिर वो नाजों अदा इन हवाओं में 

इक तेरे आने से...।

 

ख्‍वावों में सिमटती नजर बैहकनें लगी,

दिल बादल बन वरसने लगी है

इक तेरे आने से...

 

मेहरवान कोई खुशी ऐसी भी जो गम दिये जाती है,

वरवक्‍त आँसुओं में हमें डुवोंये जाती हैं

इक तेरे आने से...

 

कभी मेहरवान भी होते मेरे उम्‍मीदों पर,

कि सपने कई और सजे है इन आँखों में

इक तेरे आने से...

 

हर रंग को फिका कर जाता है इक रंग तेरे चेहरे का,

कई और रंग भी मिलें है इश्‍क को

जीने के वास्‍ते इक तेरे आने से...

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आतिश 

                    

                                 

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