शनिवार, 7 जनवरी 2023

Dear ज़िन्दगी !

 
आतिश


Dear ज़िन्दगी !


अभी अभी ख़्वाबों से 
मिलकर आया हूँ
थोड़ी हँसी थोड़ी गमों कि 
फुहार साथ लाया हूँ / /

मिट्टी डाल दी थी जिन जज़्बातों पर ...
कसमें खायीं थी दोवारा न मिलने कि 
हाथ रख जिन माथों पर ... पीछे ! 
फिर उन्हें झुलसने को छोड़ आया हूँ / /

ऐ जिन्दगी ! 
बिछड़े तुझसे तेरे रंगीन पलों से
मिलकर आया हूँ ...
हाँ ! अभी अभी ख़्वाबों से 
मिलकर आया हूँ / /

--- आतिश

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