रविवार, 26 जून 2022




तू दुश्मन है तेरी हर बात पर अमल करता हूँ
दोस्तों से ज्यादा तुझपर विश्वास करता हूँ ।

मैं जानता हूँ तू आएगा खंजर लिये सामने से
पर अपना तो पीठ पर वार करता है।

रिश्तों के मुखौटों ने हर चेहरे को ढ़क रखा है
वस एक तू तेरे चेहरे का रंग ही पक्का है।

हज़ार दोस्तों से अच्छा वो एक दुश्मन होता है 
जो कांटें भी फूलों से चुन - चुन कर लाता है।

--- आतिश

5 टिप्‍पणियां:


  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 29 जून 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
    >>>>>>><<<<<<

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  2. बेवफाई के भी कसीदे पढ़े जा रहे । बहुत खूब ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय मैम,
      आपकी प्रतिक्रिया का मुझे इंतजार रैहता है
      तहे दिल से धन्यवाद !

      हटाएं
  3. गहरे जज़्बात में डूबी रचना .... बहुत सुंदर

    जवाब देंहटाएं

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