तू दुश्मन है तेरी हर बात पर अमल करता हूँदोस्तों से ज्यादा तुझपर विश्वास करता हूँ ।मैं जानता हूँ तू आएगा खंजर लिये सामने सेपर अपना तो पीठ पर वार करता है।रिश्तों के मुखौटों ने हर चेहरे को ढ़क रखा हैवस एक तू तेरे चेहरे का रंग ही पक्का है।हज़ार दोस्तों से अच्छा वो एक दुश्मन होता हैजो कांटें भी फूलों से चुन - चुन कर लाता है।--- आतिश
रविवार, 26 जून 2022
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Dear ज़िन्दगी !
Dear ज़िन्दगी ! किसी ने कहा ... नींद आ रही है कल बात करते है न ... मानों सदियां गुज़र गई ... यादें आईं पर वो कल अब तक न आई / / तो...
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रिश्वत ! एक सरकारी प्रथा हाय ! हाय रे ! ये सरकारी प्रथा ... धर्म-जात कुल का इसमें भेद नहीं दिन हो या रात वक्त का कोई खेद नहीं चपरासी ...
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 29 जून 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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आदरणीय मैम,
हटाएंआभार ! धन्यवाद !
बेवफाई के भी कसीदे पढ़े जा रहे । बहुत खूब ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय मैम,
हटाएंआपकी प्रतिक्रिया का मुझे इंतजार रैहता है
तहे दिल से धन्यवाद !
गहरे जज़्बात में डूबी रचना .... बहुत सुंदर
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