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Dear ज़िन्दगी !
Dear ज़िन्दगी ! किसी ने कहा ... नींद आ रही है कल बात करते है न ... मानों सदियां गुज़र गई ... यादें आईं पर वो कल अब तक न आई / / तो...
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Dear ज़िन्दगी ! किसी ने कहा ... नींद आ रही है कल बात करते है न ... मानों सदियां गुज़र गई ... यादें आईं पर वो कल अब तक न आई / / तो...
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रिश्वत ! एक सरकारी प्रथा हाय ! हाय रे ! ये सरकारी प्रथा ... धर्म-जात कुल का इसमें भेद नहीं दिन हो या रात वक्त का कोई खेद नहीं चपरासी ...
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Dear ज़िन्दगी ! बड़ा होकर भी देख लिया ... समझदारी कि चादर ओढ़ बुढ़ापे को भी टटोल लिया ... अब नासमझ बचपन कि गहरी चोट भी मासुम सी ल...
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