सोमवार, 13 दिसंबर 2021

क्योंकि हम अच्‍छे हैं ।

 



क्योंकि हम अच्छें हैं ।

 हम अच्‍छे हैं कुछ देखते नहीं

हम अच्छे हैं कुछ सुनते नहीं

देख सुनकर भी कुछ कहते नहीं

क्योंकि हम अच्छें हैं ।

 

सड़कों पर नियमों की कद्र करते हैं

हम मरने से नहीं चलान से डरते हैं

क्योंकि हम अच्छें हैं ।

 

इन्‍सानों कि बीच हम रहते हैं फिर भी

वफादारी की उम्‍मीद हम कुत्‍तों से करते हैं

क्योंकि हम अच्छें हैं ।

 

दान धर्म के दिखावें में लाखों दे आते है और

एक रूपये कि खातिर नींबु‍ मिर्च वाले से भिड़ जाते हैं

क्‍योंकि हम अच्छें हैं।


द्वार पर आय किसी भुखें को 

एक रोटी खिलाने को कम से कम दो बार हम सोचते है 

और दुनिया भर में अतिथि देवों भवः का गुणगान करते है।

क्योंकि हम अच्छे हैं।


समानता और अधिकार की बड़ी बड़ी बातें करते है

अगले ही पल बहु बेटियों के बीच हम भेद निकाल लेते है

क्‍योंकि हम अच्छें हैं ।


परोसियों से जलते हम लड़ते है फिर

पुरे मुहल्ले के साथ अपनेपन और भाईचारे का दावा करते है 

क्योंकि हम अच्छें हैं।


अच्छे और बुरे में फर्क हम मिनटों में ढुंढ लेते है

पर सही को सही और गलत को गलत

कहने में वर्षों लगा देते है

क्‍योंकि हम अच्‍छे हैं ।

क्यों हम इतने अच्छे हैं।

 

--- आतिश

15 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 15 दिसंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
    !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय नमस्ते ,
      आपने मेरी रचना को अपने मंच पर सम्मानित किया -
      बहुत -बहुत आभार एवं धन्यवाद !

      हटाएं


  2. अच्‍छे और बुरे में फर्क हम मिनटों में ढुंढ लेते है

    पर सही को सही और गलत को गलत

    कहने में वर्षों लगा देते है

    क्‍योंकि हम अच्‍छे हैं । जीवन में दिखावे को बयां करती बेहतरीन कृति ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सम्मानिय मैम ,
      आपने मेरी पंक्तियों को सराहा -
      सह सम्मान धन्यवाद!

      हटाएं
  3. हम अच्छे हैं इसीलिए अक्सर चुप रहते हैं ... बेहतरीन

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय मैम ,
      आपकी प्रतिक्रिया मेरी लेखन के लिए ऊर्जा तुल्य है
      कृप्या अपना सहयोग देते रहें।
      हदयतल से धन्यवाद!

      हटाएं
  4. क्यों हम इतने अच्छे हैं।....

    उम्दा कृति आदरणीय ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. महाशय नमस्ते ,
      आपकी प्रतिक्रिया बहुमुल्य है अपना सहोयग देते रहें । सह सम्मान धन्यवाद!

      हटाएं
  5. एक एक पंक्ति बहुत ही उम्दा और सत्य है!
    आपकी इस रचना के लिए मेरे पास एक शब्द है और वो है निशब्द!
    आपने सब कह ही दिया मैं क्या कहूँ....!
    नमन् 🙏🙏

    जवाब देंहटाएं
  6. सहयोगी मैम नमस्ते ,
    आपने मेरी कोशिश को अपने चर्चा मंच पर साझा किया
    जिसके लिए आपका आभार एवं दिल से धन्यवाद !
    अपना सहयोग एवं स्नेह आगे भी बनाऐं रखें ।
    पुनः धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  7. पोस्ट पर आने और प्रतिक्रिया देने के लिए -
    बहुत-बहुत धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  8. क्‍योंकि हम अच्‍छे हैं ।

    क्यों हम इतने अच्छे हैं।

    बस हम बहुत ही अच्छे है इससे भी और ज्यादा अच्छे!
    अच्छाई की सारी पोल खोल दी आपने....वाकई हम ऐसे ही अच्छे हैं...
    लाजवाब सृजन
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय ,
    आपकी 'वाह!!!' मेरी लेखनी के लिए प्रेरणा दायक है ।
    अपना स्नेह एवं सहयोग बनायें रखें।
    ससम्मान धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं
  10. महाशय ,
    बहुत - बहुत धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं

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